
आगरा। फतेहाबाद क्षेत्र के अंतर्गत लखनऊ एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 32 पर लखनऊ से सवारियां लेकर दिल्ली जा रही बस आगे चल रहे ट्रेलर में घुस गई। हादसे में सहायक चालक की मौत हो गईए जबकि आधा दर्जन सवारियां घायल हो गईं। पुलिस के मुताबिक की शुक्रवार सुबह 2ः50 बजे लखनऊ से दिल्ली जा रही बस एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 32 के पास पहुंची, तभी चालक को नींद की झपकी आ गई। बस आगे चल रहे ट्रेलर में घुस गई। ट्रेलर को 30 मीटर आगे तक घसीटती हुई ले गई। धमाके की आवाज सुनते ही बस में सो रही सवारियों की नींद खुल गई। सवारियां एक दूसरे के ऊपर गिरने लगींए जिससे बस में चीख पुकार मच गई। हादसा इतना भीषण था कि सहायक चालक की मौके पर ही मौत हो गई। इस समय मुख्य चालक केबिन में सो रहा था, वो केबिन में ही फंस गया। जानकारी पर यूपीडा सहित थाना फतेहाबाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। घायलों को एंबुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल में भेजा गया।
रनवीर पुत्र मनोज कुमार उम्र 28 वर्ष रोहतक के पास आजमगढ़, सचिन पुत्र अशोक कुमार यादव निवासी आलमबाग लखनऊ, उषा देवी पत्नी दिनेश कुमार निवासी गाजियाबाद, सुनील पुत्र रनवीर निवासी रोहतक हरियाणा, राजवीर पुत्र रनवीर सिंह निवासी झुंझुनू राजस्थान, विकास पुत्र रामनिवास निवासी झुंझुनू राजस्थान घायल हो गए।
आगरा। लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण हादसे के बाद बस का चालक केबिन में करीब तीन घंटे तक फंसा रहा, लेकिन मौके पर मौजूद एक्सप्रेसवे की जिम्मेदार संस्था एटलस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई, जहां घटना के बाद जरूरी संसाधन नहीं पहुंचा सके। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसे की सूचना पर एटलस की टीम हाइड्रा और क्रेन लेकर मौके पर पहुंचीए लेकिन वे ट्रेलर में फंसी बस को अलग नहीं कर पाए। पुलिस व यूपीड़ा की टीम ने चालक को बाहर निकालने के प्रयास किएए लेकिन असफल रहे। इस बीच चौकी इंचार्ज लुहारी ने एटलस टीम से जेसीबी और कटर मशीन बुलाने को कहा, लेकिन तीन घंटे बाद भी कोई भारी मशीन मौके पर नहीं पहुंची। पुलिस और यूपीड़ा की टीम ने दूसरे ट्रेलर की मदद से फंसे ट्रेलर को खिंचवाया, तब जाकर चालक के शव को बाहर निकाला जा सका। हादसे के बाद बस और ट्रेलर सड़क के बीचों बीच फंसे रहे, जिससे एक्सप्रेसवे पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई। करीब आधा किलोमीटर लंबा जाम लग गया और यातायात को काफी देर तक रोकना पड़ा।,
