
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अमेरिका के समर्थन के लिए अमेरिकी समकक्ष पीट हेगसेथ के प्रति आभार व्यक्त किया। टेलीफोन पर हुई बातचीत में, उन्होंने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को और गहरा करने के लिए चल रही और नई पहलों की समीक्षा करने के लिए एक उत्कृष्ट चर्चा की। रक्षा मंत्री ने हेगसेथ को बताया कि सीमा पार आतंकवाद का पाकिस्तान का लंबा रिकॉर्ड विश्व स्तर पर सर्वविदित है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बन गया है। इससे पहले राजनाथ सिंह ने अपनी बिहार रैली के दौरान पाकिस्तान को बिना नाम लिए कड़ी चेतानवी दी है। सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट हवाई हमले जैसे कदमों के साथ देश की सुरक्षा नीति में नया बदलाव आया है। रक्षा मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाए गए सैन्य अभियान का जिक्र करते हुए कहा, ऑपरेशन सिंदूर के तहत पहली बार हमने अपनी सीमा से 100 किलोमीटर दूर स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया।
उन्होंने कहा मोदी के नेतृत्व मेंए हमारी नीति आतंकवादियों को खत्म करने में संकोच न करने की रही है, चाहे वे कहीं भी हों। और हम यह आतंकवादी हमलों के सरगना और उन्हें प्रायोजित करने वाली सरकारों के बीच कोई भेद किए बिना करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, मोदी सरकार दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ काम करती हैए जो पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारों से बिल्कुल अलग हैए जिनमें दिशाहीनता थी और जो वोट बैंक की चिंता से प्रेरित थीं। सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की टिप्पणी पर उठे विवाद का भी परोक्ष संदर्भ दियाए जिसमें उन्होंने कहा था कि संविधान की प्रस्तावना से ष्पंथनिरपेक्षष् और समाजवादी शब्दों को हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि इन्हें आपातकाल के दौरान जोड़ा गया था।
उन्होंने कहाए मैं फर्जी धर्मनिरपेक्षतावादियों से पूछना चाहता हूं कि देश के संविधान में पंथनिरपेक्ष शब्द जुड़ने के बाद जम्मू कश्मीर के अलग संविधान में इसे क्यों नहीं जोड़ा गयाघ् क्या उस राज्य को पंथनिरपेक्ष नहीं होना चाहिए था, जहां अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे थे, जम्मू कश्मीर तभी पंथनिरपेक्ष बनाए जब अनुच्छेद 370 हटाया गया। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि पार्टी (भाजपा) पूरी दुनिया में एकमात्र राजनीतिक संगठन है जिसने पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और सत्ता में आने पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के रूप में एक ठोस कदम उठाया। उन्होंने कहा, भारत ने हमेशा सभी धर्मों से सम्मान के साथ व्यवहार करने में विश्वास किया है। पारसियों को खुले दिल से स्वीकार किया गया। केरल में, दुनिया के सबसे पुराने गिरजाघरों में शामिल गिरजाघर भी है।
