
थाईलैंड एक बार फिर राजनीतिक तूफान के बीच में है। मंगलवार को संवैधानिक न्यायालय ने प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा को उनके कर्तव्यों से निलंबित कर दिया, जिससे विरोध, इस्तीफों और अस्थिरता की एक और लहर शुरू हो गई। 7-2 मतों से लिया गया यह निर्णयए एक पूर्व कंबोडियाई नेता के साथ लीक हुए फोन कॉल से जुड़ी नैतिकता संबंधी शिकायत की जांच करने के लिए न्यायालय द्वारा सहमति जताए जाने के बाद आया है। थाईलैंड की पीएम पेतोंगतार्न शिनावात्रा और कम्बोडिया के पूर्व पीएम हुन सेन के बीच फोन पर बात हुई। 17 मिनट की बातचीत की 9 मिनट की कॉल रिकार्डिंग लीक हो गई या कर दी गई। जिसकी वजह से बाद थाईलैंड में राजनीतिक संकट गहरा गया है। पेतोंगतार्न की कुर्सी खतरे में है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फोन कॉल पर पेतोंगतार्न भी हुन सेन को अंकल कहकर संबोधित कर रही हैं। थाइलैंड की सेना के लेफ्टिनेंट जनरल की बुराई कर रही हैं।
अदालत ने पैतोंगटार्न को आदेश दिया है कि जब तक अदालत कोई फैसला नहीं ले लेती, तब तक वह अपना काम करना बंद कर दें। अदालत ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री के पास याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय होगा जिसके बाद कार्यवाही जारी रहेगी।
