
दिल्ली ने आधिकारिक तौर पर 10 साल से ज़्यादा पुराने डीज़ल वाहनों और 15 साल से ज़्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है . निगरानी तकनीक के ज़रिए इसे लागू किया जा रहा है। प्रदूषण पर लगाम लगाने और राजधानी की सड़कों से एंड-ऑफ़-लाइफ़ (ईओएल) वाहनों को हटाने के उद्देश्य से की जा रही इस कार्रवाई को पेट्रोल स्टेशनों पर लगाए गए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरों के ज़रिए लागू किया जा रहा हैए साथ ही दिल्ली परिवहन विभाग और पुलिस की ऑन-ग्राउंड टीमें भी काम कर रही हैं।
मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल देने पर प्रतिबंध की शुरुआत हुई। दिल्ली सरकार ने ऐसे वाहनों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में करीब 350 पेट्रोल पंपों पर स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरे (एएनपीआर) लगाए हैं। परिवहन विभाग ने अपने संगठनए दिल्ली पुलिस, यातायात पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के कर्मियों को शामिल करते हुए एक विस्तृत तैनाती योजना तैयार की है। यह अभियान मंगलवार सुबह 6 बजे से शुरू हुआए जिसमें 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल चालित वाहनों और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को ईंधन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। चिराग दिल्ली के ढींगरा पेट्रोल पंप पर परिवहन प्रवर्तन और दिल्ली यातायात पुलिस की टीम सुबह से ही तैनात देखी गईं।
पेट्रोल पंपों को ऐसे वाहनों को ईंधन न देने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुराने वाहनों की पहचान के लिए पंप पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से संचालित कैमरे और स्वचालित हूटर सिस्टम भी लगाए गए हैं। धर्मवीर ने कहाए अगर ऐसा कोई वाहन आता हैए तो कैमरे तुरंत उसका पता लगा लेते हैं और कर्मचारियों को सचेत करने के लिए हूटर बजा देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में वाहनों को मौके पर ही जब्त कर लिया जाता है। दिल्ली यातायात पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक जगन लाल ने कहा कि वे अपने केंद्रीय डेटाबेस का उपयोग करके वाहनों के विवरण की पुष्टि कर रहे हैं।
