
भारत ने शुक्रवार को बांग्लादेश से जमीन मार्ग से कुछ विशिष्ट जूट उत्पादों और बुने हुए कपड़ों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि आयात की अनुमति केवल महाराष्ट्र में न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से है। इन प्रतिबंधों के अंतर्गत आने वाले उत्पादों में जूट उत्पाद, एकल सन का धागा, जूट का एकल धागा, बहु.मुड़ा हुआ, बुने हुए कपड़े या फ्लेक्स, और जूट के बिना ब्लीच किए बुने हुए कपड़े शामिल हैं।
इसमें कहा गया है कि इस तरह के बंदरगाह प्रतिबंध भारत से होकर नेपाल और भूटान जाने वाले बांग्लादेशी सामानों पर लागू नहीं होंगे। अधिसूचना के अनुसारए नेपाल और भूटान के माध्यम से बांग्लादेश से भारत में इन उत्पादों के फिर से निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी। डीजीएफटी ने कहा, भारत-बांग्लादेश सीमा पर किसी भी भूमि बंदरगाह से बांग्लादेश से आयात की अनुमति नहीं होगी। इसकी अनुमति केवल न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से ही दी जाती है।
इससे पहले, अप्रैल और मई में भारत ने बांग्लादेश से आयात पर इसी तरह के प्रतिबंधों की घोषणा की थी। भारत ने 17 मई को पड़ोसी देश से रेडीमेड कपड़ों और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसे कुछ सामानों के आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लगा दिए थे। नौ अप्रैल को भारत ने नेपाल और भूटान को छोड़कर पश्चिम एशियाए यूरोप और अन्य देशों को विभिन्न वस्तुओं के निर्यात के लिए बांग्लादेश को दी गई किसी तीसरे स्थान से होते हुए कारोबार करने की सुविधा वापस ले ली। इन उपायों की घोषणा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस द्वारा चीन में दिए गए विवादास्पद बयानों की पृष्ठभूमि में की गई। इन टिप्पणियों को भारत ने अच्छी तरह से नहीं लिया। देश में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत-बांग्लादेश व्यापार 12.9 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का निर्यात 11.46 अरब डॉलर था, जबकि आयात दो अरब डॉलर था।
