
कांवड़ यात्रा की शुरुआत इस बार 11 जुलाई से हो रही है। ऐसे में यात्रा को लेकर सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। शुक्रवार को अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक में कांवड़ यात्रा को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और इसमें कई अहम फैसले हुए। कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक में रियल टाइम कॉर्डिनेशनए अफवाहों पर सख्तीए सुरक्षाए भीड़ प्रबंधन और हुड़दंग करने वालों पर शिकंजा कसने को लेकर चर्चा हुई। अंतरराज्यीय समन्वय समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि कांवड़ की ऊंचाई 10 फीट से ज्यादा नहीं होगी और इस नियम का सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा। कांवड़ यात्रियों के लिए क्या करें और क्या नहीं करें की जानकारी यात्रा मार्गों पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाएगी। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में शुक्रवार को हरिद्वार मेला नियंत्रण कक्ष में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इसी दौरान कांवड़ यात्रा को लेकर गाइडलाइन तय की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि कांवड़ यात्रा को सुरक्षित सुव्यवस्थित और सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी राज्यों के बीच रियल टाइम डेटा और सूचना का आदान.प्रदान किया जाएए ताकि आपात स्थिति में तत्काल समन्वय हो सके।
अंतरराज्यीय बैठक में शांतिपूर्ण सुव्यवस्थित और समन्वित कांवड़ मेला संचालन के लिए सभी राज्यों के बीच आपसी सहयोग पर सहमति बनी। दिल्ली हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर यातायात नियंत्रण, डाक कांवड़ की भीड़ और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था को लेकर रणनीति बनाई गई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि वाहनों के बाहर तेज आवाज वाले म्यूजिक सिस्टम नहीं लगाए जाएंगे। संचालकों को पूर्व सूचना देकर इसे प्रतिबंधित किया जाएगा। शराब व मांस पर बनी एसओपी का सख्ती से पालन कराया जाएगा। तीन श्रेणियों में अलग सूचना समूह बनाए जाएंगे।
