
अब राष्ट्रीय राजधानी में भोजनालयोंए डिस्कोथेक और मनोरंजन पार्कों के व्यवसाय मालिकों और प्रतिष्ठानों को परिचालन गतिविधि के लिए दिल्ली पुलिस से लाइसेंस प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। राष्ट्रीय राजधानी के व्यवसाय मालिकों ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए दिल्ली पुलिस लाइसेंस की आवश्यकता को समाप्त करने के फैसले का स्वागत किया है और इसे लालफीताशाही से बड़ी राहत बताया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे दिल्ली के लिए एक ऐतिहासिक लोक कल्याणकारी आदेश बताते हुए, सीएम ने कहा कि यह नया निर्णय प्रक्रिया को सरल बनाएगा, समय और लागत की बचत करेगा और राजधानी में व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि इन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को पुलिस लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी, फिर भी उन्हें दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली छावनी बोर्ड से अनुमति के लिए आवेदन करना होगा।
गुप्ता ने कहा, यह दिल्ली के लोगों और व्यापारिक समुदाय की 40 साल से भी अधिक समय से लंबित मांग थी। करीब 25ए000 प्रतिष्ठानों में देरी हो रही थी और उनसे जुड़े करीब 10 से 20 लाख लोग इस सार्वजनिक प्रबंधन बाधा के कारण परेशान थे। यह आज खत्म हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा, ष्दोहरी लाइसेंसिंग से पहले इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा होती थी कि कौन क्या करेगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि पुलिस को व्यवसायों को लाइसेंस जारी करने की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिए जाने से अब दिल्ली पुलिस को अपराध नियंत्रणए महिला सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा जैसे अपने मूल कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक समय मिलेगा। गुप्ता ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस पर व्यवसाय लाइसेंस जारी करने जैसे गैर.मुख्य कार्यों का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए।
