
अर्जेंटीना की पूर्व राष्ट्रपति क्रिस्टिना फर्नांडेज की भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाए जाने के बाद छह साल घर में ही नजरबंद रहने की सजा शुरू हो गई है। साथ ही पूर्व राष्ट्रपति को राजनीति से भी पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। क्रिस्टिना के समर्थन में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और पूर्व राष्ट्रपति के समर्थन में रैली निकाली। क्रिस्टिना फर्नांडेज साल 2004-2007 तक अर्जेंटीना की प्रथम महिला के पद पर रहीं। इसके बाद 2007 से 2015 तक दो बार अर्जेंटीना के राष्ट्रपति पद पर रहीं। साल 2019 से 2023 तक क्रिस्टिना अर्जेंटीना की उपराष्ट्रपति रहीं। इस तरह क्रिस्टिना का करीब दो दशकों तक अर्जेंटीना की राजनीति में दबदबा रहा है। आज भी क्रिस्टिना फर्नांडेज को राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के विरोध का प्रमुख चेहरा माना जाता है। विभिन्न पोल्स से पता चला है कि अभी भी फर्नांडेज और उनकी पार्टी को अर्जेंटीना के 30 प्रतिशत लोगों का समर्थन हासिल है। नजरबंदी के खिलाफ बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिलना भी इस बात का सबूत है।
72 वर्षीय फर्नांडीज ने अपने समर्थकों को रिकॉर्ड किए गए भाषण में कहाए हम वापस आएंगे और, इससे भी बढ़कर, हम अधिक बुद्धिमत्ता, अधिक एकता और अधिक ताकत के साथ वापस आएंगे। 2022 में जिस मामले में क्रिस्टिना को पहली बार दोषी ठहराया गया था, उसमें पाया गया कि उन्होंने एक मित्र व्यवसायी को सार्वजनिक निर्माण अनुबंध देने में धोखाधड़ी की थी। हालांकि क्रिस्टिना ने आरोपों का खंडन किया है और अपने विरोधियों पर न्याय प्रणाली को उनके खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
अदालत के फैसले से पहले इस महीने क्रिस्टिना ब्यूनस आर्यस के प्रांतीय विधायिका का चुनाव लड़ने की योजना बना रहीं थीं। क्रिस्टिना के समर्थन में भारी भीड़ का जुटना अर्जेंटीना में तेज होते विभाजन का सबूत है। फर्नांडेज के कार्यकाल में कल्याण और सार्वजनिक रोजगार में खासी वृद्धि हुई, जिससे अर्जेंटीना में महंगाई में उछाल आया और देश भारी घाटे में चला गया। अर्जेंटीना की आर्थिक दुर्दशा ने ही मिलेई को साल 2023 में सत्ता में आने में मदद की। मिलेई महंगाई नियंत्रित करने में भी कामयाब रहे हैं।
