
कलाकारों की कला को बढ़ावा देनेवाली संस्था सर्कल ऑफ आर्ट फाउंडेशन द्वारा दिनांक ६.७.८ जून, २०२५ को अहमदाबाद शहर के हठीसिंह विजुअल आर्ट सेंटर में अजंता-एलोरा की गुफाओ की चित्रकला, फोटोग्राफी का एक प्रदर्शन गुफा चित्र गुजरात के जाने-माने उद्योगपति, समाजसेवी और सर्कल ऑफ आर्ट फाउंडेशन के पेट्रन चेरमेन श्री मगनभाई पटेल की अध्यक्षता में किया गया जिसमे वह मुख्य अतिथि एव मुख्य दानदाता के रूप में उपस्थित थे। उनके साथ ष्विशालाष् के संस्थापक श्री सुरेन्द्रभाई पटेल और जाने-माने इंटीरियर आर्किटेक्ट श्री नीरवभाई शाह भी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे। इस प्रदर्शनी का आयोजन सर्कल ऑफ आर्ट फाउंडेशन के आयोजक श्री अजय चौहानए श्री प्रीति कनेरिया और श्री राजेश बरैयाने किया, जो श्री मगनभाई पटेल के आर्थिक सहयोग से लगातार ऐसी प्रदर्शनियों का आयोजन करते रहते हैं और कलाकारों को आर्थिक सहयोग देते रहते हैं।
इस अवसर पर श्री मगनभाई पटेलने कहा कि भारत के औरंगाबाद में एलोरा की गुफाएँ यूनेस्को की विश्व धरोहर हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े रॉक.कट गुफा परिसरों में से एक हैए जिसमें हिंदूए बौद्ध और जैन गुफाएँ शामिल हैं। यह परिसर भारतीय शैलकृत वास्तुकला का एक प्रमुख उदाहरण है तथा इसमें स्थित कई गुफाएं वास्तव में गुफाएं नहीं हैं, क्योंकि उनमें छत नहीं है। अजंता-एलोरा की गुफाएँ यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हैं। इन गुफाओं में ३० काटे गए चट्टान बौद्ध गुफा स्मारक हैं जिन्हें सार्वभौमिक रूप से बौद्ध धार्मिक कला की उत्कृष्ट कृतियों के रूप में माना जाता हैए साथ ही काटे गए चट्टान मे से सर्जित मूर्तियों को प्राचीन भारतीय कला के कुछ बेहतरीन जीवित उदाहरणों में से एक माना जाता है। अजंता की गुफाओं में ७५ मीटर (२४६ फीट) ऊंची चट्टान की दीवार पर उकेरे गए विभिन्न बौद्ध परंपराओं के प्राचीन मठ (विहार) हैं। इनमें बुद्ध के पिछले जन्मों और पुनर्जन्मों, आर्यसुर की जातकमाला की सचित्र कहानियों और बौद्ध देवताओं की चट्टानों को काटकर बनाई गई मूर्तियों को भी दर्शाया गया है।
