
पटना में जल मेट्रो सेवा की शुरुआत के साथ सार्वजनिक परिवहन में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा-यह केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा घोषित एक महत्वाकांक्षी पहल है। यह पहल भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों को टिकाऊ परिवहनए आर्थिक विकास और पर्यटन विकास के लिए उपयोग करने के सरकार के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। पटना में जल मेट्रो गंगा नदी का उपयोग करके एक स्वच्छए अधिक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल शहरी परिवहन प्रणाली के रूप में काम करेगी।
यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब राज्य विधानसभा चुनाव में कुछ महीने शेष हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में अंतर्देशीय जल परिवहन के विकास पर यहां एक परामर्श बैठक को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि मोदी सरकार कार्गो, पर्यटन और स्थानीय आजीविका के लिए नदी प्रणालियों की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहाए जल मेट्रो प्रणाली नदी के दोनों किनारों को जोड़ेगी और पटना के लिए स्वच्छए कुशल और आधुनिक शहरी गतिशीलता समाधान प्रदान करेगी। राष्ट्रीय अंतर्देशीय नेविगेशन संस्थान को नए निवेश के साथ उत्कृष्टता केंद्र के रूप में उन्नत किया जा रहा है।
परियोजना की मुख्य बातेंः
-पटना स्थित राष्ट्रीय अंतर्देशीय जलमार्ग संस्थान ;छप्ॅप्द्ध को परियोजना और भविष्य के जलमार्ग नवाचारों का समर्थन करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में उन्नत किया जाएगा।
-इन विकासों का उद्देश्य पटना को भारत के पूर्वी क्षेत्र में अंतर्देशीय जल परिवहन के लिए एक प्रमुख केंद्र में बदलना है।
पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
-दैनिक आवागमन को आसान बनाने के साथ.साथए जल मेट्रो परियोजना से यह उम्मीद की जाती हैः
-गंगा नदी के किनारे पर्यटन को बढ़ावा दें।
-नौका संचालन, टर्मिनल प्रबंधन और रखरखाव में स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करें।
-पटना के कई सांस्कृतिक स्थलों के साथ सेवा को जोड़ते हुए इकोटूरिज्म और हेरिटेज पर्यटन के विकास का समर्थन करें।
