
जी-7 देशों के नेताओं ने पश्चिम एशिया में तनाव कम करने की अपील कीए लेकिन साथ ही संयुक्त बयान में इस बात की पुष्टि भी की इस्राइल को आत्मरक्षा का अधिकार है। कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी जी-7 देशों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि श्हम जी-7 देशों के नेताए पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता का समर्थन करते हैं। साथ ही हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस्राइल को आत्मरक्षा का अधिकार है। हम इस्राइल की सुरक्षा का समर्थन करते हैं। जी-7 देशों के संयुक्त बयान में ईरान को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा और आतंकवाद का स्त्रोत बताया गया है। जी-7 देशों ने भी कहा कि ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ऐसा ही कहा था। ईरान और इस्राइल के बीच बीती 13 जून को संघर्ष शुरू हुआ थाए जब इस्राइल ने एक बड़े हवाई हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया था।
इस्राइली हमले के बाद ईरान ने भी पलटवार किया और इस्राइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से बड़ा हमला किया। ईरान के हमले में इस्राइल में भी 24 लोगों की जान गई है और सैंकड़ों लोग घायल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 सम्मलेन से एक दिन पहले निकल गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति ने दावा किया कि अमेरिका इस्राइल और ईरान के बीच संघर्षविराम कराने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर संघर्षविराम होता है तो फ्रांस भी उसका समर्थन करेगा। हालांकि ट्रंप ने साफ कर दिया है कि वे इस्राइल ईरान संघर्ष की वजह से वापस नहीं लौटे हैं बल्कि कुछ और बड़ा करने वाले हैं।
