
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य साइप्रस को एक संदेश भेजना है, जो भूमध्य सागर के इस द्वीपीय देश का विरोधी रहा है और जिसने पिछले महीने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के चरम पर पहुंचने पर इस्लामाबाद का खुलकर समर्थन करके नई दिल्ली को नाराज कर दिया था। भारत प्रधानमंत्री की इस यात्रा का उपयोग साइप्रस के साथ अपने आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के लिए कर सकता हैए जो भूमध्य सागर और यूरोपीय संघ के लिए प्रवेश द्वार के रूप में काम कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ निकोसिया में एक व्यापार जगत के लोगों के साथ गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया और व्यापारए निवेश एवं रक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया, जिसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री आज दिन में साइप्रस की राजधानी निकोसिया पहुंचे। उन्होंने बैठक में भारत और साइप्रस के व्यापार जगत के नेताओं को संबोधित किया।
व्यापार जगत के नेताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों में विकास की अपार संभावनाओं् पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाए ष्ष्साइप्रस लंबे समय से भारत का एक विश्वसनीय साझेदार रहा है। बैठक के बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा दिया गया। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस और मैंने भारत और साइप्रस के बीच वाणिज्यिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए अग्रणी सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के साथ बातचीत की।
