
कोटद्वार। अदालत ने शुक्रवार (30 मई) को हाई.प्रोफाइल अंकिता भंडारी हत्याकांड में अपना फैसला सुनाया, जिसने सितंबर 2022 से पूरे देश का ध्यान खींचा हुआ है। अंकिता के वकील अजय पंत ने मीडिया को बताया कि अंकिता की हत्या के मामले में तीन आरोपियों पुलकित आर्यए सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को उत्तराखंड के कोटद्वार स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय में दोषी पाया गया है। तीनों आरोपियों के खिलाफ सजा का ऐलान होना अभी बाकी है। पौड़ी गढ़वाल जिले में न्यायालय परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती के कारण क्षेत्र को छावनी जैसा बना दिया गया है। पौड़ी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) लोकेश्वर सिंह ने कहा कि जिले और अन्य जगहों से पुलिस बल तैनात किए गए हैं, न्यायालय की 100 मीटर की परिधि को शून्य क्षेत्र घोषित किया गया है, जिसमें केवल सरकारी कर्मचारियों और न्यायालय में उपस्थित होने वाले लोगों को ही प्रवेश की अनुमति है।
किसी भी अज्ञात व्यक्ति को न्यायालय में प्रवेश से रोक दिया जाएगा। आरोप लगाया गया है कि इस हत्या से जुड़े तथ्यों में भाजपा नेता और रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य का बेटा शामिल है। पौड़ी जिले की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी। आरोप है कि रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसके साथियों सौरभ भास्कर और अंकित ने अंकिता की बैराज में धक्का देकर हत्या कर दी थीए क्योंकि उसने वीआईपी गेस्ट को अतिरिक्त सेवाएं देने का दबाव बनाने का विरोध किया था।
अंकिता भंडारी की कथित तौर पर पुलकित आर्य ने अपने दोस्तों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर 18 सितंबर 2022 को हत्या कर दी थी। अंकिता भंडारी का शव 24 सितंबर को ऋषिकेश में चिल्ला नहर से बरामद किया गया था। अधिकारियों द्वारा उसका शव मिलने से कम से कम छह दिन पहले वह लापता बताई गई थी। पुलिस उप महानिरीक्षक पी रेणुका देवी की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने शुरू में मामले की जांच की थी। पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य भाजपा नेता थेए जिन्हें हत्या के मुख्य आरोपी के रूप में अपने बेटे का नाम सामने आने के तुरंत बाद पार्टी से निकाल दिया गया था।
