
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोटा पुलिस को पिछले महीने राष्ट्रीय प्रवेश पात्रता परीक्षा (नीट) के एक छात्र की आत्महत्या के मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए फटकार लगाई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। न्यायालय ने पुलिस को यह मामला शीर्ष स्तर के प्रशासक के समक्ष उठाने का निर्देश दिया। राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संबंधित पुलिस अधिकारियों को तलब किया और आत्महत्या के मामलों में एफआईआर दर्ज करने के आवश्यक निर्देश का पालन न करने पर उनसे सवाल किए।
इसलिए, सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के कोचिंग हब में एक NEET अभ्यर्थी की हाल ही में हुई आत्महत्या के मामले में एफआईआर दर्ज करने में विफल रहने और अमीर कुमार केस के फैसले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केवल जांच दर्ज करने के लिए कोटा पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। इस बीच, राजस्थान की ओर से पेश हुए एएजी शर्मा ने अदालत को आश्वासन दिया कि कोटा पुलिस ने पहले ही मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है तथा मामले में तुरंत एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। शर्मा ने कहा कि हमने न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को यह भी बताया कि राजस्थान में अप्राकृतिक छात्र मृत्यु और आत्महत्या के सभी मामलों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा एक विशेष जांच दल (एसआईटी) पहले से ही गठित है, इसलिए इन मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
