
दो साल में आगरा-बरेली कॉरिडोर की सौगात मिलने वाली है। इसकी लंबाई 228 किमी होगी। इससे आगरा.मथुरा समेत 15 जिलों के लोगों के लिए सुविधा हो जाएगी। आगरा.मथुरा के लोग ढाई घंटे में बरेली पहुंच जाएंगे। अभी इसमें करीब 5 घंटे लगते हैं। मथुरा के बाद से हाथरस तक कॉरिडोर जून में बनकर तैयार हो जाएगा और इस पर सफर किया जा सकेगा।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) 7,700 करोड़ रुपये से मथुरा (बाद) से बरेली तक चार लेन कॉरिडोर बन रहा है। इसका निर्माण चार पैकेज में हो रहा है। पहले पैकेज में हाथरस तक पीएनसीए हाथरस से कासगंज तक और कासगंज से बदायूं तक जीआर इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और बदायूं से बरेली तक धारीवाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड बना रही है।
राया के जाम से बचाव और समय.ईधन की भी बचत होगी। अभी आगरा के लोगों को टूंडलाए एटाए कासगंज होकर बरेली जाना पड़ता है। इसमें करीब 5 घंटे का समय लगता है। अब यह दूरी ढाई घंटे में पूरी हो जाएगी। हाथरस तक 66 किमी में से 58 किमी सड़क बन चुकी है। अगले महीने से हाथरस तक सफर शुरू हो जाएगा।
आगरा-बरेली कॉरिडोर में क्षेत्रीय लोगों की सुविधा का भी ख्याल रखा गया है। इस कॉरिडोर प 20 फ्लाईओवरए 26 अंडरपासए 6 रेलवे ओवरब्रिज बनेंगे। इससे आसपास के गांवों के लिए आवागमन सुगम होगा। 5 पुल भी बनाए जाएंगे, जिनमें से यमुना नदी पर ब्राह्मण घाटए मथुरा में पुल बन चुका है।
आगरा-बरेली कॉरिडोर बनने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। आसपास के जिलों के लोगों का बरेली से नैनीताल पहुंचना आसान हो जाएगा। हाथरस-बरेली की ओर के लोगों के लिए मथुरा का रास्ता भी सुगम हो जाएगा। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजय वर्मा ने बताया कि मथुरा.बरेली कॉरिडोर वर्ष 2027 तक पूरा हो जाएगा। चार कंपनी चार पैकेज में निर्माण कर रही हैं।
