
न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को देश के 52वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। न्यायमूर्ति गवई को राष्ट्रपति भवन में एक संक्षिप्त समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। उन्होंने हिंदी में शपथ ली। उन्होंने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की जगह ली है जो 65 वर्ष की आयु होने पर मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए। न्यायमूर्ति गवई को 24 मई, 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
न्यायमूर्ति गवई, प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ आरएस गवई के पुत्र हैं, जो बिहार और केरल के राज्यपाल थे। वे एक ऐसे परिवार से हैं जो बीआर अंबेडकर के आदर्शों को बढ़ावा देने में गहराई से लगे हुए हैं। उनके पिता एक प्रमुख अंबेडकरवादी और पूर्व सांसद थे।
24 नवंबर, 1960 को अमरावती में जन्मेए वे 16 मार्चए 1985 को बार में शामिल हुए और बॉम्बे हाई कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में अपनी प्रैक्टिस शुरू की। उन्हें 17 जनवरीए 2000 को नागपुर बेंच के लिए सरकारी वकील और लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था। उन्हें 14 नवंबर, 2003 को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और नवंबर 2005 में बॉम्बे उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने।
