
उप्र/बहराइच । बहराइच जिले की नेपाल सीमा पर कथित रूप से कब्रिस्तान की जमीन पर संचालित किये जा रहे एक मदरसे को जिला प्रशासन ने बुधवार को सील कर दिया। जिले में पिछले तीन दिनों के दौरान छह मदरसे सील कराए गये हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्र ने बताया कि नेपाल सीमा से 10 किलोमीटर परिधि के बफर जोन में तीन दिनों से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर कार्यवाही जारी है और इसके तहत जिले में अब तक छह मदरसे सील कराए गये हैं।
उन्होंने कहा कि मौके पर मदरसा मोहसिनुल उलूम के संचालक मदरसे के संबंध में जरूरी दस्तावेज नहीं दिखा सके इसलिए मदरसे को सील कर दिया गया है। मिश्र ने बताया कि स्थानीय खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये गये हैं कि वह मदरसे में अध्ययनरत बच्चों का नजदीकी प्राथमिक विद्यालय में दाखिला कराएं जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित ना हो। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक मदरसों की जांच की गई हैए जिनमें से छह मदरसों को पूरी तरह सील कर दिया गया है जबकि एक दर्जन से अधिक मदरसों को बगैर मान्यता मदरसा संचालित न किये जाने की चेतावनी दी गयी है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्र ने संवाददाताओं को बताया कि रविवार को बड़ी तकिया में मान्यता प्राप्त मदरसा जामिया गाजिया सैयदुलुलुम का औचक निरीक्षण किया गया और इस दौरान एक अध्यापक अनुपस्थित मिले, लेकिन रजिस्टर में उसकी गैरहाजिरी दर्ज नहीं थी। उन्होंने बताया कि मुंशी, मौलवी और आलिम की कक्षाओं में भी बच्चों की संख्या पंजीकरण के सापेक्ष बहुत कम थी। मिश्र ने दावा किया कि निरीक्षण के दौरान दसवीं कक्षा के छात्रों से अंग्रेजी में अपना नाम और मदरसे का नाम लिखने को कहा गया लेकिन एक भी छात्र नाम नहीं लिख पाया।
मिश्र ने कहा, ष्बच्चों पर ध्यान न देकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। स्थिति में सुधार लाने की चेतावनी देते हुए कहा गया कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। मदरसे के संचालक व अनुपस्थित अध्यापक को नोटिस दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसा शिक्षा में बड़े बदलाव पर जोर दिया और मदरसा शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधारों की आवश्यकता जताई है। एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की मदरसा शिक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहाए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मदरसा, महज मजहबी शिक्षा के केंद्र बनकर न रह जाएं। वहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा के सभी आयामों का लाभ मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल सुधार नहीं बल्कि नवाचार और समावेशिता के माध्यम से मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा में लाना है, ताकि समाज के प्रत्येक वर्ग को समान अवसर और समुचित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
