
आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद मुसलमानों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान पाकिस्तान का झंडा जलाकर गुस्से और गम का इजहार किया गया। शहर की तमाम मस्जिदों में कश्मीर सहित देश भर से आतंकवाद के खात्मे और अमन व शांति की दुआ मांगी गई। साथ ही पाकिस्तान की साजिश को नाकाम करने के लिए आपसी मोहब्बत और एकता को मजबूत करने का आहवान किया गया।
मजलिसे उलमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने पाकिस्तान को पापिस्तान बताते हुए कहा कि पाकिस्तान से जिस तरह के बयान आए हैं उससे जाहिर होता है वो हिन्दू और मुसलमानों को आपस मे लड़ना चाहता है। लिहाजा हमें उसकी साजिश को नाकाम करने के लिए आपस मे मिलजुल कर मोहब्बत और एकता को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि जो भी लोग हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाना चाहते हैं वो चाहे हिंदू हो या मुसलमान वो पाकिस्तान के एजेंट हैं। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारत से अलग हुए देशों को मिलाया जाए। उन्होंने कहा कि मारने वाले आतंकी मुसलमान नही है बल्कि पर्यटकों को बचाने वाले कश्मीरी नौजवान मुसलमान हैं। इस मौके पर मौलाना सरताज हैदर, मौलाना रजा हुसैन, मौलाना आदिल फराज मुख्य रूप से मौजूद रहे।
टीले वाली मस्जिद में बड़ी संख्या में नमाजी काली पट्टी बांधकर शामिल हुए। नमाज के बाद पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना फजले मन्नान रहमानी ने दो मिनट का मौन रखकर पहलगाम में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी।
