
जम्मू.कश्मीर। रामबन में बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुए क्षेत्र में राहत कार्य तेजी से किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सबसे प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद प्रशासन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है। डीसी बसीर चौधरी व्यक्तिगत रूप से प्रभावित क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है। उन्होंने कहा है कि कई जलापूर्ति योजनाएं चालू कर दी गई हैं और शेष योजनाओं पर बहाली का काम चल रहा है।
हमारी पहली प्राथमिकता थी कि लोगों की कीमती जान ना जाए। हमने लोगों को मौके से निकाला और उन्हें दूसरी जगहों पर बसायाण्ण्ण् हमारी दूसरी प्राथमिकता सड़क को जोड़ना है क्योंकि सड़कों के बिना यहां तक राहत सामग्री लाना मुश्किल होगा। वहीं जम्मू.कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज रामबन शहर में बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का निरीक्षण करने के बाद कहा कि काम में जितनी तेजी लाई जा सकती है लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अफसरों ने हमें यकीन दिलाया है कि अगले 24 घंटे में यह हाईवे सिंगल ट्रैक पर खोल दिया जाएगा। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार की ओर से हमें जो मदद मिलनी चाहिए वह मिलेगीण्ण्ण् हमारा पूरा प्रयास है कि अगले 24 घंटे के भीतर हाईवे खोला जाए लेकिन आगे ऐसे हालात ना बनें इसका भी प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास है कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी और खासकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मौके पर लाया जाए।
हम आपको यह भी बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि रामबन जिले में भारी बारिश और बादल फटने से अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही को ष्राष्ट्रीय आपदाष् घोषित नहीं किया जा सकता। हालांकि, उन्होंने प्रभावित परिवारों को पर्याप्त राहत देने का आश्वासन दिया है। हम आपको बता दें कि रविवार को बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण सड़कों और आवासीय भवनों सहित बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।
