
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें सरहुल पर्व के दौरान बिजली कटौती को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई गई थी। साथ ही, सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को तय की है। झारखंड हाईकोर्ट ने 1 अप्रैल को सरहुल पर्व के दिन 10 से 11 घंटे की बिजली कटौती पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार की आलोचना की थी। अदालत ने स्पष्ट किया था कि बिजली आपूर्ति एक आवश्यक सेवा है और ऐसे महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान इसे बाधित नहीं किया जाना चाहिए। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल फैसले पर रोक लगा दी है। हालांकि, अदालत ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) के प्रबंध निदेशक को निर्देश दिया है कि वे सरहुल और रामनवमी जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर न्यूनतम बिजली कटौती सुनिश्चित करें, ताकि जनजीवन प्रभावित न हो। इसके अलावा, अस्पतालों और अन्य आवश्यक सेवाओं की बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न आए, इसका विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई रामनवमी के बाद 8 अप्रैल को होगी, जिसमें राज्य सरकार का पक्ष सुना जाएगा।
